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Amaltas kya hain? Janiye Fayde, Nuksaan or Upyog

अमलतास क्या है? फायदे, नुकसान और उपयोग की पूरी जानकारी आयुर्वेद के अनुसार

यह बिल्कुल सही है कि भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति हजारों वर्षों से जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक वनस्पतियों के ज्ञान पर आधारित रही है, और अमलतास (Amaltas) उन चुनिंदा औषधीय वृक्षों में से एक है जिसे इसके औषधीय गुणों के कारण खास स्थान प्राप्त है।

अमलतास का पेड़ गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह आमतौर पर भारत के सभी हिस्सों में, खासकर सड़कों के किनारे, बगीचों और जंगलों में उगाया जाता है। पीले रंग के फूलों से लदा हुआ यह पेड़ देखने में जितना सुंदर होता है, उतना ही यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है। अमलतास के उपयोग बहुत हैं अमलतास की सबसे अधिक औषधीय महत्ता इसकी फली (Amaltas Phali) में पाई जाती है, जिसे आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है। इसके चमकीले पीले फूलों की सुंदरता के चलते इसे अंग्रेज़ी में 'Golden Shower Tree' कहा जाता है, जो इसे देखने में भी अत्यंत आकर्षक बनाता है।

अमलतास क्या है? (What is Amaltas in Hindi?)

अमलतास एक सुंदर और औषधीय गुणों से भरपूर मध्यम आकार का पेड़ है, जो खासकर गर्म जलवायु वाले इलाकों में खूब उगता है। इसके पत्ते लंबे और थोड़े अंडाकार होते हैं, लेकिन इसकी सबसे खास पहचान इसके चमकीले पीले फूल होते हैं जो दूर से ही ध्यान खींच लेते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम Cassia fistula है। आयुर्वेद में इस पेड़ का विशेष स्थान है, क्योंकि इसकी फली, पत्तियां, छाल और फूल – ये सभी किसी न किसी रूप में औषधीय कार्यों में उपयोग किए जाते हैं।

अनेक भाषाओं में अमलतास के नाम:

संस्कृत: आरग्वध

हिंदी: अमलतास

अंग्रेज़ी: Golden Shower Tree

मराठी: बहावा

तमिल: கொன்றை (Konnai)

तेलुगु: Rela

अमलतास कहां पाया या उगाया जाता है?

अमलतास मुख्य रूप से भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल और म्यांमार जैसे दक्षिण एशियाई देशों में पाया जाता है। यह गर्म और शुष्क जलवायु को पसंद करता है, इसलिए इसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में आसानी से देखा जा सकता है। बागवानी और सजावटी पौधों के तौर पर भी इसकी खेती की जाती है क्योंकि इसके फूल गर्मियों में बगिचों की शोभा बढ़ाते हैं।

अमलतास फली के कुछ प्रमुख फायदे (Benefits of Amaltas in Hindi)

अमलतास की फली (Amaltas Phali) आयुर्वेद में विशेष महत्व रखती है। इसका गूदा विशेष रूप से औषधीय होता है और अनेक रोगों में उपयोग किया जाता है। आइए जानें अमलतास के फायदे:

1. कब्ज में राहत:

अमलतास की फली में प्राकृतिक रेचक गुण होते हैं जो कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं। फली के गूदे को रात में भिगोकर सुबह सेवन करने से पेट साफ होता है।

2. बुखार में अमलतास के फायदे:

अमलतास के पत्तों और फली का काढ़ा बुखार और शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करता है।

3. त्वचा रोग:

अमलतास का उपयोग फोड़े-फुंसी, दाद, खुजली जैसी समस्याओं के इलाज में किया जाता है। इसकी छाल और पत्तों का लेप त्वचा पर लगाने से राहत मिलती है।

4. शरीर की गर्मी में लाभ:

अमलतास की फली ठंडी तासीर वाली होती है। गर्मी में इसके सेवन से शरीर की गर्मी कम होती है और ऊर्जा बनी रहती है।

5. मधुमेह (डायबिटीज) में फायदेमंद:

अमलतास की फली में ऐसे तत्व होते हैं जो शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं।

6. पेट की गैस और अम्लता:

अमलतास का काढ़ा गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देता है।

अमलतास के फायदे और उपयोग (Amaltas ke Fayde aur Upyog)

  • डायबिटीज नियंत्रण के लिए फली का चूर्ण लिया जाता है।
  • कब्ज के इलाज में अमलतास की फली का उपयोग एक नैचुरल लेक्सेटिव के रूप में होता है।
  • त्वचा की चमक बढ़ाने में भी यह उपयोगी है।

अमलतास का काढ़ा कैसे बनाएं?

अमलतास का काढ़ा बनाना बेहद आसान है:

  • 1-2 इंच अमलतास फली लें।
  • उसे थोड़े पानी में उबालें।
  • जब पानी आधा रह जाए, तब उसे छान लें और हल्का गुनगुना होने पर पी जाएं।
  • यह काढ़ा शरीर को ठंडक देता है और पाचन क्रिया को ठीक करता है।

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अमलतास का इस्तेमाल कैसे करें? (How to use Amaltas in Hindi)

अमलतास की फली का गूदा सुखाकर या ताजा निकालकर उपयोग किया जाता है। इसे आप निम्नलिखित तरीकों से प्रयोग में ला सकते हैं:

कब्ज में: रात को एक चम्मच अमलतास फली का गूदा हल्के गुनगुने पानी या दूध के साथ लें।

बुखार में: अमलतास का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार सेवन करें।

त्वचा रोगों में: अमलतास के गूदे का लेप बनाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।

लिवर डिटॉक्स के लिए: सुबह खाली पेट एक चम्मच अमलतास का चूर्ण गुनगुने पानी से लें।

अमलतास की तासीर कैसी होती है? (Amaltas ki Taseer)

अमलतास की तासीर ठंडी मानी जाती है। यह शरीर में जमा गर्मी को कम करने, लिवर को ठंडक देने और त्वचा को साफ रखने में सहायक होता है। गर्मियों में इसका सेवन विशेष रूप से फायदेमंद होता है।

अमलतास के क्या नुकसान हैं (Side Effects of Amaltas in Hindi)

हालांकि अमलतास के अनेक फायदे हैं, लेकिन कुछ सावधानियाँ जरूरी हैं:

  • अत्यधिक मात्रा में सेवन से दस्त हो सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को इसे उपयोग में लाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
  • शुगर की दवाएं ले रहे लोग पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

निष्कर्ष:

अमलतास एक बहुउपयोगी औषधीय वृक्ष है, जिसकी फली, छाल और पत्ते सभी आयुर्वेद में बहुत उपयोगी माने जाते हैं। विशेष रूप से अमलतास फली के फायदे कब्ज, बुखार, त्वचा रोग और मधुमेह में उपयोगी हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है और गर्मियों में यह शरीर के लिए बेहद लाभकारी साबित होता है। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं, इसलिए प्रयोग करने से पहले उचित जानकारी और सलाह लेना ज़रूरी है।

अगर आप प्राकृतिक उपचार में विश्वास रखते हैं, तो अमलतास को अपनी जीवनशैली में जरूर शामिल करें — लेकिन संतुलन और सावधानी के साथ।

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